महिलाओं में बहुत ज्यादा संभोग की इच्छा को “कामोन्माद” कहा जाता है। लक्षणों के आधार पर दवा का चुनाव कर रोगिणी को देने से उसकी ज्यादा संभोग की इच्छा कम होकर सामान्य कामेच्छा (normal sexual desire) में बदल जाती है।
कामोन्माद (Nymphomania) की होम्योपैथिक दवाइयां –
कामोन्माद की समस्या से परेशान है तो आप नीचे दी गई होम्योपैथिक दवाइयों के लक्षणों के आधार पर आप होम्योपैथिक दवाइयों का चयन कर सकते हैं।
1- ओरिगानम (Origanum) 3 –
a- महिलाओं के कामोन्माद की यह बहुत ही बढ़िया दवा है।
b- इस दवा की रोगिणी के मन में रात-दिन संभोग के विचार आते हैं। यहां तक कि सपने भी संभोग के आते हैं।
c- संभोग की इच्छा इतनी ज्यादा रहती है कि वह अंगुलीमैथुन करने लगती है शायद ही कोई ऐसा दिन भी तो जब उन्होंने अंगुलीमैथुन (Masturbation) किया हो।
दवाई कब ले-
“ओरिगानम” की 3 शक्ति दिन में बार ले।
2- स्टाफिसेगरिया (Staphysagria) 6, 30 –
a- इस दवा के रोगिणी सौम्य, नर्म-मिजाज, नरम और कम बोलने वाली होती है।
b- हालांकि वह सौम्य, कोमल स्वभाव की होती है, लेकिन बहुत जल्द नाराज हो जाती है, पर अपनी नाराजगी कभी जाहिर नहीं करती।
c- उसमें कम काम भावना (sexual desire) बहुत ज्यादा होती है दिन-रात संभोग के बारे में सोचा करती है। कमेक्छा इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वह अंगुली मैथुन करने लगती है।
दवाई कैसे ले-
“स्टाफिसेगरिया” 6 या 30 शक्ति दिन में 3 बार ले।
3- ग्राटिओला (Gratiola) 30 –
a- इस दवा की रोगिणी गुस्सैल स्वभाव की होती है। विरोध किए जाने पर आग बबूला हो जाती है।
b- मासिक धर्म बहुत ज्यादा होता है और कई दिनों तक रहता है।
c- कामेक्छा बहुत ज्यादा रहती है, जिससे वह अंगुली-मैथुन करने लगती है।
दवाई कैसे ले-
“ग्राटीओला” की 30 शक्ति दिन में तीन बार ले।
4- हायोसायमस (Hyoscymus) 30, 200 –
a- इस दवा की रोगिणी चिड़चिड़े, शक्की, ईर्ष्यालु स्वभाव की होती है।
b- रोगिणी बेहद विषय-लोलुप (Lascivious) और बेशर्म स्वभाव की होती है।
c- उसमें काम-भावना (sexual-desire) बहुत ज्यादा होती है। हमेशा ‘सेक्स’ के बारे में सोचती रहती है। सेक्स के बारे में बातें करती है।
d- काम-भावना इतनी ज्यादा होती है कि रोज अंगुली-मैथुन करती है। बेशर्मी से अपने जननांगों (sexual organ) को दिखाती है।
दवाई कैसे ले-
“हायोसायमस” की 30 या 200 शक्ति दिन में तीन बार ले।
5- लैकेसिस (Lachesis) 200 –
a- इस दवा की रोगिनी ईर्ष्यालु (jealous), शक्की, बदले की भावना रखने वाली, बातूनी होती है।
b- इर्ष्यालु विशेषकर ‘सेक्स’ से संबंधित होता है। प्रेमिका या पत्नी अपने पति को पराई स्त्री से बात करते नहीं देख सकती है।
c- मासिक धर्म से पहले उसकी कामेक्छा बहुत बढ़ जाती है।
दवाई कैसे ले-
“लैकेसिस” की 20 शक्ति हर पन्द्रह दिन में।एक।बार ले।
6- फॉस्फोरस (Phosphorus) 200 –
a- इस दवा की रोगिणी दुबली-पतली, लंबी, कमजोर, मिलनसार, खुले दिल की, संवेदनशील (sensitive) सहानुभूतिपूर्ण (sympathetic) स्वभाव की होती है। b-उसमें कामेक्छा बहुत ज्यादा होती है।
c- मासिक धर्म से पहले कामेश्वर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
दवाई कैसे ले-
“फॉस्फोरस” की 200 शक्ति हर पंद्रह दिनों में एक बार कुछ महीनों तक ले।
7- प्लेटिना (Platina) 200 –
a- इस दवा की जरूरत होती है वह रोगिणी बहुत ही घमंडी, स्वार्थी और अपने आप को श्रेष्ठ और दूसरों को कमवर (inferior) समझने वाली होती है।
b- उसमें कमेक्छा बहुत ज्यादा होती है। कुछ महिलाओं की योनि (vagina) इस कदर नाजुक होती है कि संभोग करना असंभव हो जाता है। संभोग के दौरान बेहोश हो जाती हैं।
c-छोटी बच्चों में कामेच्छा बढ़ी हुई होना, इतनी कि वह हस्तमैथुन करने लगती है।
दवाई कैसे ले-
“प्लेटिना” 200 की शक्ति हर पंद्रह दिनों में एक बार कुछ महीनों तक ले।
8- टेरेनटूला हिस्पैनिया (Tarentula Hispania) 30 –
a- इस दवा की रोगिणी बहुत ही मक्कार, झूठी और विनाशकारी होती है।
b- दूसरों को परेशान करने में, मजाक उड़ाने में उसे बड़ा मजा आता है।
c- बेचैन रहती है। शरीर के सभी अंगों में बेचैनी पाई जाती है सबसे ज्यादा बेचैनी टांगों में पाई जाती है।
d- रोगिणी की कामेच्छा बढ़ी हुई होती है। संभोग के बाद भी संभोग की इच्छा बढ़ती जाती है। बार-बार संभोग चाहती है।
दवाई कैसे ले-
“टेरेनटूला हिस्पैनिया” की 30 शक्ति दिन में तीन बार ले।
9- ऑस्टेरिअस रूबेन्स (Asterias Rubens) 30 –
a- मोटी थुलथुली महिलाओं में कामेच्छा इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि संभोग के बाद भी कम नहीं होती है।
b- मासिक धर्म से पहले कामेश्वर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
दवाई कैसे ले-
“ऑस्टेरिअस रूबेन्स” की 30 शक्ति दिन में तीन बार ले।।
10- लिलियम टिग्रिनम (Lilium Tigrinum) 30 –
a- इस दवा की रोगिणी बहुत डरपोक होती है।
b- उदास रहती है। झट से रो देती है। एक जगह स्थिर नहीं रह सकती। कमेक्छा बड़ी हुई होती है।
दवाई कैसे ले-
“लिलियम टिग्रिनम” की 30 शक्ति दिन में दो या तीन बार ले।
11- लाइकोपोडियम (Lycopodium) 200 –
a- विधवाओं में कामेच्छा बढ़ी हुई होना। मासिक धर्म के दौरान कमेक्छा का बढ़ना।
b- रोगिनी गुस्सैल, झगड़ालू, देषी (malicious), तानाशाही स्वभाव की होती है। दूसरों पर हुकुम चलाना चाहती है।
c- मासिकधर्म देर से होता है और देर तक जारी रहता है। मशिकधर्म के दौरान खून ज्यादा आ जाता है और योनी से गर्म हवा निकलती है।
दवाई कब ले-
” लाइकोपोडियम” की 200 शक्ति महीने में एक बार कुछ महीनों तक ले।
12- एपिस (Apis) 30 –
a- विधवा महिलाओं में कामेच्छा बढ़ी हुई होना।
b- रोगिणी इर्ष्यालु (jealous) और शक्की स्वभाव की और बदले की भावना रखने वाली होती है।
c- ऊष्ण (Hot) प्रकृति की होती है और उसे गर्मी सहन नहीं होती है।
दवाई कैसे ले-
“एपिस” की 30 शक्ति दिन में दो बार ले।
13- मुरेक्स (Murex) 30-
a- महिलाओं में कामेच्छा इतनी ज्यादा रहती है कि उनके शरीर को पुरुष के छूने-भर से संभोग की इच्छा जाग उठती है।
b- रोगिणी शीत (chilly) प्रगति की होती है।
दवाई कैसे ले-
“मुरेक्स” की 30 शक्ति दिन में तीन बार ले।
14- राफेनस (Raphanus) 30 –
a- कमेक्छा इतनी ज्यादा बढ़ी रहती है कि नींद नहीं आती है।
b- रोगिणी देर रात तक जागती रहती है।
दवाई कैसे ले-
“राफेनस” की 30 शक्ति दिन में दो बार ले।
15- कलाडियम (Caladium) 30 –
a- गर्भवस्था के दौरान या योनि में कृमि (worms) चले जाने के कारण कामेच्छा का बढ़ जाना।
b- छोटी बच्चियां की योनि में कृमि चले जाने के कारण सुरसुरी होकर उनकी कामेच्छा जाग जाती है और वे अंगुली-मैथुन करने लगती है।
दवाई कैसे ले-
“कलाडियम” की 30 शक्ति दिन में दो बार ले।
16- प्लसेटिला (Pulsetilla) 200 –
a- माशिकधर्म में दौरान कमेच्छा बढ़ जाना।
b- रोगिणी मोटी, हँसमुख, कोमल, आँसू बहनेवाली होती है। मासिकधर्म देर से होता है। खून कम जाता है।
दवाई कैसे ले-
” प्लसेटीला” 200 की शक्ति पंद्रह दिनो में एक बार कुछ महीनों तक ले।