Muh Ke Chale

Muh Ke Chaleअगर कहीं भी या mucus membrane में कही भी infection हो जाये ओर necrosis हो जाये मतलब की उस जगह पर थोड़ा pus पड़ने लगे उसके बाद उसमें गड्डनुमा जैसा structure बन जाये ओर वहाँ की surface खराब हो जाये उसी को हम ulcer मतलब छाले कहते है। और अगर यही ulcer मतलब छाले अगर मुँह में हो जाये तो इसे “mouth ulcer” मतलब “मुँह के छाले” कहते है।Muh Ke Chale

Muh Ke Chale Ki Homeopathic Dawa : मुंह के छालों के होम्योपैथिक दवा

Muh Ke Chale  मुँह के छालों के कारण –

1- दांतो के कारण हमारी मुँह के अंदर की त्वचा कट जाए उसके वजह से हमारे मुँह में छाले हो जाते है।

2- पेट मे गड़बड़ी के कारण Aphthous stomatitis की संमस्या होती है इसका मतलब यह है कि आपको बार-बार छालो की समस्या होंना। इसका कारण unkonwn है। इस परिस्थिति में आपको बार-बार छाले होने की समस्या होती है। यह तीन प्रकार के होते है।

अ- Minor Aphthous stomatitis – इस स्तिथि में आपके मुंह के अंदर बहुत बहुत छोटे छोटे छाले होते है। यह लगभग 2mm के बराबर होते हे। शुरुवात में लाल रंग के होते है ओर बहुत दर्द करते है। कुछ दिनो के बाद सफेद रंग तथा कुछ दिनों बाद पिले रंग कर हो जाते है। ओर कुछ 10 दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाते है।Muh Ke Chale

ब- Major Aphthous stomatitis – यह मुँह के छाले लगभग 1 कम से लंबे होते है। शुरुवात में minor की ही तरह लाल रंग के होते है ओर बहुत दर्द करते है। कुछ दिनो के बाद सफेद रंग तथा कुछ दिनों बाद पिले रंग कर हो जाते है।ओर कुछ 10 से 40 दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाते है पर इसका आकार बड़ा होने के कारण इसके वजह से मुँह में scar भी आ जाता है।Muh Ke Chale

स- herpetiform aphthous – इस स्थिति में पूरे मुँह में छोटे-छोटे छाले हो जाते है ओर यह लाल रंग के होते है और मुँह में बहुत दर्द भी करते है। इसमे दर्द के साथ मुँह में बहुत जलन भी होती है।

3- मुँह में कैंसर हो जाने के कारण भी मुँह में छाले होते है वह भी ज्यादातर जीभ (toung) में किनारे की तरफ होते है और अगर लगभग

2 महीनों से ज्यादा पुराना हो जाये और अपने आप ठीक नही हो रहा तो ऐसे में एक बार डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर ले।

4- लिवर में infection हो जाये तो भी मुँह में छालो की समस्या हो सकती है।Muh Ke Chale

Muh Ke Chale Ki Homeopathic Dawa मुँह के छालो की होम्योपैथिक दवाइयां –

Muh Ke Chaleदोस्तों अगर आप अपने मुँह के छालो से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इन होम्योपैथिक दवाइयों के लक्षण के आधार पर आप यह दवाईया ले सकते हैं, चलिए तो जान लेते हैं वह होम्योपैथिक दवाइयां कौन सी है जो आप के मुँह के छाले खत्म में मदद कर सकती है।Muh Ke Chale

 

1- आर्सेनिक एल्बम (Arsenic album) 30 –

मुंह के छाले जिनमें बहुत जलन होती है। मुँह अंदर से सूखा और गर्म रहता है। छाले नीले पड़ जाते हैं। छालों में खून निकलता है। रोगी बहुत बेचैन रहता है। गर्म पानी मुंह में रखने से आराम मिलता है। ऐसी समस्या में आप आर्सेनिक एल्बम की 30 शक्ति ले सकते है।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे ले –

आर्सेनिक एल्बम की 30 शक्ति के चार से पांच globules आप दिन में 3 सुबह, दोपहर ओर शाम बार ले सकते है।

 

2- बोरेक्स (Borax) 30 –

बच्चों के मुंह के छालों में यह सबसे बढ़िया दवा है मुंह के अंदर फोटो में जीव और गालों के अंदर सफेद छाले पड़ जाते हैं सालों से खून निकलता है वह अंदर से गर्म और सूखा रहता है छालों की वजह से बच्चा मां का दूध नहीं पी पाता है। ऐसी समस्या में आप बोरेक्स की 30 शक्ति ले सकते है।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे ले –

बोरेक्स (Borax) की 30 शक्ति के चार से पांच globules दिन में 3 बार सुबह, दोपहर ओर शाम ले सकते है।

 

3- मर्क. सोल. (Merc. Sol.) 30 –

मुंह के अंदर गालों में सफेद छाले हो जाते हैं छालों से खून निकलता है। छालों में पीप होती है। मसूड़ों में भी जख्म हो जाते हैं और पीप निकलती है मसूड़े स्पंज की तरह फूले रहते हैं। जीभ फुली रहती है और उस पर दांत के निशान रहते हैं मुंह में लार बहुत निकलती है कभी-कभी लार में खून मिला रहता है। मुँह गिला रहता है फिर भी प्यास बहुत लगती है। आँव भी गिर रही हो तो इसके अलावा और कोई दवा हो ही नहीं सकती। अगर आपको ऐसी समस्या में आप मर्क. सोल की 30 शक्ति ले सकते हैं।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे लेना है –

मर्क. सोल की 30 शक्ति दिन में 3 बार सुबह, दोपहर कर शाम तीन से चार globules ले सकते है।

 

4-  बैपटीसिया (Baptisia) 6, 30 –

मसूड़ों में लगातार थोड़ा-थोड़ा खून निकलता रहता है। मुंह से लार बहुत निकलती है। मुंह से बदबू आती है जीभ मोटी दरार वाली होती है जिसके बीच का हिस्सा पीला रहता है और किनारे लाल रहते हैं। बदबूदार पतले दस्त आते हैं। अगर आपको ऐसे समस्या है तो आप तपस्या की है 6 या 30 शक्ति ले सकते हैं।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे लेना है –

बैपटीसिया (Baptisia) की 6 या 30 शक्ति के चार से पांच globules दिन में 2 बार सुबह- शाम लेना है।

 

5- कार्बो-वेज (Carbo-veg) 30 –

जीभ छालो से भरी रहती है मसूड़े फूल रहते हैं और उनसे आसानी से खून निकलता है। मुंह से बदबू आती है। अगर ऐसी समस्या है तो आप कार्बो-वेज की 30 शक्ति ले सकते है।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे लेना है-

कार्बो-वेज की 30 शक्ति के तीन से चार globules दिन में 2 बार सुबह शाम लेना है।

 

6-  सल्फुरिक एसिड (Sulfuric acid) 30 – 

पूरे मुंह में (मुँह ओर जीभ) मैं चौक में रहते हैं मसूड़े से खून निकलता है मसूड़ों का रंग सफेद रहता है। साँस से बदबू आती है मुंह में जख्म होने की वजह से बच्चा मां का दूध नहीं पी पाता है, बच्चे के शरीर में खट्टी गंद आती है। बड़े लोग भी छालों की समस्या की वजह से कुछ खा नहीं सकते अगर आपको ऐसी समस्या है तो आप सल्फ्यूरिक एसिड की 30 सकती ले सकते हैं।Muh Ke Chale

 

दवाई कैसे लेना है –

सल्फुरिक एसिड की 30 शक्ति की तीन से चार globules दिन में दो बार ले।

 

7- काली क्लोरिकम (Kali chloricum) 6 –

मुँह में छाले ओर जख्म रहते हैं। मुंह से बदबू आती है और गला अंदर से लाल रंग का हो जाता है। मुंह से बहुत ज्यादा लार निकलती है। अगर आपको भी ऐसी समस्या है तो आप काली क्लोरिकम की 30 शक्ति ले सकते हैं।

 

दवाई कैसे लेना है –

काली क्लोरिकम की 30 शक्ति के तीन से चार globules दिन में 3 बार सुबह, दोपहर और शाम को लेना है।

 

8- नाइट्रिक एसिड (Nitric acid) 6 –

गा के अंदर और गले में जख्म हो जाते हैं। होठ में छाले हो जाते हैं। मसूड़ों में जख्म हो जाते हैं। मसूड़े फूल जाते हैं और उनमे से खून निकलता है। मसूड़े अंदर से सफेद रंग के दिखाई देते हैं। मुंह से लार बहुत निकलती है। मुंह से बहुत बदबू आती है। जख्मों में कांटा चुभने जैसा दर्द होता है। मुंह के कोनो की खाल उधड़ जाती है।

 

दवाई कैसे लेना है –

नाइट्रिक एसिड की 30 शक्ति के तीन से चार globules दिन में दो बार सुबह और शाम में लेना है।

 

9- नेट्रम म्यूर (Natrum mur) 30 –

जीभ पर छाले पड़ जाते हैं, उनमें जलन होती है, होठ और मुंह के कोने खुश्क और कटे-फटे रहते हैं मसूड़ों से खून निकलता है मुंह सुखा रहता है और बहुत प्यास लगती है। अगर आपको ऐसी समस्या है तो आप नेट्रम म्यूर की 30 शक्ति ले सकते हैं।

 

दवाई कैसे लेना है –

नेट्रम म्यूर की 30 शक्ति के तीन से चार globules दिन में दो बार सुबह शाम लेना है।

 

10 – नक्स-वोमिका (Nux-vomica) 30 –

मुंह के अंदर छोटे-छोटे छाले होते हैं। जीभ का अगला हिस्सा साफ रहता है और पिछले हिस्से पर मेल की तरह मोटी परत रहती है। किनारे सफेद, पीले, कटे-फटे रहते हैं। मसूड़े फूलने रहते हैं और उनमें से खून आता है। मुंह सुखा रहता है, लेकिन प्यास ज्यादा नहीं रहती अगर आप ऐसी समस्या है तो आप nux-vomica की 30 शक्ति ले सकते हैं।

 

दवाई कैसे लेना है –

नक्स-वोमिका की 30 शक्ति के तीन से चार globules 

दिन में दो बार सुबह और शाम में लेना है।

 

11- हाईड्रास्टिक (Hydrastis) 30 –

जीभ पर सफेद महीन (बारीक) रहती हैं, किनारों पर दरारे रहती है मुंह से निकलने वाली लाल सूत की तरह लंबी खिंच जाती है। अगर आपको ऐसी समस्या है तो आप हाइड्रेस्टिस खेती सकती ले सकते हैं।

 

दवाई कैसे लेना है –

हाईड्रास्ट्रिक्ट की 30 शक्ति के तीन से चार globules 

दिन में दो बार सुबह और शाम में लेना है।

 

12-  एपिस (Apis) 30 –

छालों में बहुत जलन होती है। ठंडा पानी पीने से जलन में आराम मिलता है। गर्म चीजें पीने से जलन और बढ़ती है। छालों में डंक लगने जैसा दर्द होता है। रोगी को गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है। अगर आपको ऐसी समस्या है तो आप एपिस की 30 शक्ति ले सकते हैं।

 

दवाई कैसे लेना है –

एपिस की 30 शक्ति के तीन से चार globules 

दिन में दो बार सुबह और शाम में लेना है।

 

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