Kamar Dard Ka Ilaj Homeopathy

Kamar Dard Ka Ilaj दोस्तों  आजकल हर  बढ़ती उम्र में लोग कमर दर्द की समस्या से परेशान है दरअसल हमारी कमर और रीढ़ की हड्डी से टिकी जो 33 हड्डियों, लचीली हड्डियों वाले स्नायु बंदन वाले मांसपेशियो आदि से बनी होती है। कमर का दर्द को “डोर्सलजिया” नाम से भी जाना जाता है। कमर दर्द वह दर्द है जो आम तौर पर मांशपेशियां, तांत्रिक, हड्डियो, जोड़ो या रीढ़ की अन्य संरचनाओं में महसूस किया जाता है। 

Kamar Dard Ka Ilaj Homeopathy – कमर दर्द की होम्योपैथिक दवा 

कमर दर्द के कारण –

1- गलत तरीके से बैठना (wrong sitting).

2- कार चलाते समय भी ठीक से न बैठना.

3- ज्यादा वजन उठाने के कारण.

4- सही तरीके से न सोने के कारण.

5- चानक झुकने के कारण.

  1. लंबे समय तक खड़े होने के कारण.
  2. किसी समान को धक्का या खीचने के कारण.

 

कमर दर्द के अन्य कारण –

1- मानसिक तनाव देने वाले काम.

2- गर्भवती महिलाओं को कमर दर्द की संभावना ज्यादा रहती है।

  1. लंबे समय तक बैठे रहने की जीवन शैली धूम्रपान, शराब का सेवन, सोने जाने का अनियमित समय मैं कारण दे कमर दर्द का हो सकता है।

4- मोटापा.

5- अत्यधिक शारीरिक श्रम का काम करना.

 

कमर दर्द के लक्षण –

इस दर्द को अक्सर गर्दन दर्द, पीठ के ऊपरी ओर निचले हिस्से के दर्द रीढ़ के आखिरी छोर की हड्डी में विभाजित कर सकते है। यह लगातार या कुछ अंतराल मैं भी हो सकता है। यह अचानक होने वाला दर्द या स्थाई दर्द भी हो सकता है। यह दर्द एक ही जगह पर या शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल हो सकता है। यह हल्का या तेज दर्द भी हो सकता है। यह दर्द हाथ मे, कमर के ऊपरी हिस्से में फैल सकता है ओर दर्द के अलावा इसमे कमजोरी, सुन हो जाना या  झुनझुनी होना जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं।

 

Kamar Dard Ka Ilaj 

kamar dard ka medicine – होम्योपैथिक दवाइयां 

दोस्तों नीचे हम कमर दर्द के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके लक्षणों के आधार पर आप यह होम्योपैथिक दवाईया ले सकते है, तो चलिए जानते हैं वह होम्योपैथिक दवाइयां कौन सी हैं।

 

1- रक्स टॉक्स (rhux-tox) 30, 200-

यह कमर दर्द की सबसे बढ़िया होम्योपैथिक दवा है ठंड लगने वाली, भारी चीज उठाने, नदी में देर तक नहाने या तैरने में ज्यादा देर तक काम करने भीगने या पसीने के एकाएक दब जाने की वजह से कमर दर्द हो तो यह दवा विशेष रूप से लाभदायक है। दर्द चाहे जिस तरह का हो  स्थिर रहने से दर्द बढ़ता है। रोगी जब बैठी या लेटी अवस्था से उठता है और चलने लगता है तो उसका दर्द बढ़ जाता है लेकिन लगातार चलते रहने से दर्द में आराम आता है,  इस दवा का विशेष लक्षण है। 

दर्द ठंडक से बढ़ता है सेकने से, दबाने से आराम मिलता है।  रोगी कड़ी चीज पर लेटना पसंद करता है।  पीछे की ओर मोड़ने से रोगी को दर्द में आराम मिलता है।  कोई भारी चीज खाने से कमर में मोच आ जाए और दर्द होने लगे तो इस दवा से वह ठीक होता है।  कमर में चोट लगने की वजह से जब दर्द काफी पुराना हो जाता है तो वह इससे ठीक हो जाता है 

 

दवाई कैसे ले –

रक्स टॉक्स (rhux-tox) 30 या 200 शक्ति 4-4 गोलिया दिन में 3 बार ले ।

 

2- बॉयोनिया (bryonia) 30, 200 – 

इस दवा का दर्द  रक्स टॉक्स (rhux-tox) से बिल्कुल उल्टा है रोगी जब तक चुपचाप बिना हरकत किए लेटे रहता है तब तक दर्द नहीं होता है लेकिन जरा सा भी हिलने डुलने पर दर्द होने लगता है कमर के निचले हिस्से में तेज सुईया चुभने जैसा दर्द होता है।  दोनों हँसुलियो या स्कंध फलक (scapulaes)  के बीच धीमी धीमी सोया स्थिति है कमर के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द होता है

कभी-कभी यह दर्द फाड़ने वाला होता है कमर अकड़ जाती है कमर के निचले हिस्से में ऐसा दर्द होता है जैसे वह भाग कुचल गया है जिससे रोगी चल नहीं पाता है, रोगी सीधा खड़ा नहीं रह पाता है, छीकने, खाँसने से, हर बार हिलने से दर्द बढ़ता है और चुपचाप बिना हरकत किए लेटे रहने से कमर दर्द में आराम मिलता है।

 

दवाई कैसे ले –

ब्रायोनिया (bryonia) 30 या 200 शक्ति 4-4 गोलिया दिन में 3 बार ले ।

 

3- नक्स-वोमिका (nux-vomica) 30 – 

 कमर में फाड़ने, खींचने, कुचलने, चोट लगने जैसा दर्द होता है कमर के निचले हिस्से में रोगी को ऐसा अनुभव होता है मानो कमर टूट गई हो कमर में अचानक सुईया सी चुभती है रोगी बिस्तर में लेटे हुए करवट नहीं बदल सकता करवट बदलने के लिए उसे बैठना पड़ता है।  सुबह के वक्त होगी जितनी देर बिस्तर में लेटा रहता है

उतना ही कमर दर्द ज्यादा होता है कमर दर्द के कारण रोगी के लिए खड़ा रहना और बैठना भी तकलीफदेह होता है।  बैठी हालत में और खड़ा रहने में दर्द होता है दर्द की वजह से रोगी को लेट जाना पड़ता है पखाना हो जाने के बाद कमर दर्द में आराम आता है।

 

दवाई कैसे ले –

नक्स-वोमिका (nux-vomica) 30 शक्ति 4-5 गोलिया दिन में 3 बार ले ।

 

4- पल्सेटिला (pulsetilla) 30 –

कमर तख्ते की तरह अकड़ जाती है।  कमर के निचले हिस्से में खिंचाव भरा दर्द होता है हिलने डुलने से उठ कमर के निचले हिस्सों में ऐसा दर्द होता है मानो कमर में मोच आई हुई हो, कमर दर्द की वजह से रोगी को चलने पर मजबूर होना पड़ता है धीरे-धीरे चलने से कमर दर्द में आराम मिलता है।

 

दवाई कैसे ले –

पल्सेटिला (pulsetilla) 30 शक्ति 4-5 गोलिया दिन में 3 बार ले ।

 

5- एस्क्युलक (aesculus) 6, 30, 200 –

कमर के निचले हिस्से में और चूतड़ों में दर्द होता है जो आगे की तरफ झुकने और चलने फिरने से बढ़ जाता है कमर दर्द की वजह से बैठने के बाद रोगी के लिए उठना मुश्किल हो जाता है यह दवा का विशेष लक्षण है यह दर्द कूल्हे तक जाता है लगातार हल्का दर्द रहता है और लंबे समय तक बना रहता है रोगी को ऐसा लगता है कि उसकी कमर टूट गई हो ।

 

6- सिमिसिफुगा (cimisifuga) 30 – 

कर के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है जो कूल्हों से जांघ तक जाता है कमर के निचले हिस्से में मोच आने जैसा दर्द होता है जो हरकत से बढ़ता है और आराम करने से घटता है गर्भाशय की शिकायत के साथ महिलाओं को कमर दर्द होने पर यह दवा दर्द को दूर करती है।

 

7- काली बाइक्रोमिकम (kali bichromicum) 30 –

दर्द कमर के निचले हिस्से में होता है जो नीचे बाई जांग तक जाता है रोगी दर्द की वजह से झूक या चल नहीं पाता है कमर सीधी करना भी मुश्किल हो जाता है जरा सी हरकत से जैसे चलने से बैठी हालत से, उठने से, बैठने से दर्द बढ़ जाता है। दर्द कभी-कभी अचानक शुरू होता है और अचानक ही गायब हो जाता है दर्द नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे होता रहता है।

 

8- काली कार्ब (kali-carb) 30, 200 –

दर्द कमर से शुरू होता है और कूल्हों में चला जाता है जिसकी वजह से रोगी चल नहीं पाता है, तेज कमर दर्द जो कमर से ऊपर और जांघों तक जाता है। कमर के निचले हिस्से में दर्द जो खड़े रहने और चलने से पड़ता है। कमर में सुई चुकता साथ दर्द जिसकी वजह से रोगी सुबह 3:00 बजे से जाग जाता है खाना खाने के बाद कमर दर्द होना इस दवा का विशेष लक्षण है।

कमर दर्द, पसीना और कमजोरी यह तीन लक्षण किसी रोगी में मिले तो वह रोगी काली कार्ब (kali-carb) दवाई का सेवन करे। इस दवा के रोगी को कमजोर इतनी होती है कि रोगी बैठना या लेट जाना चाहता है।

 

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