होम्योपैथी की खोज किसने की – Founder of homeopathy 

होम्योपैथी की खोज किसने की
होम्योपैथी की खोज किसने की

होम्योपैथी की खोज किसने की :-होम्योपैथी के जन्मदाता डॉक्टर क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हनेमैन है। इनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ एवं मृत्यु 2 July 1843 को हो गई । 

होम्योपैथी दवा की शुरुआत चाइना मेडिसिन से हुई है, डॉक्टर हनेमैन ने इसी दवाई रिसर्च कर करके होम्योपैथी की शुरूवात की, यह मेडिसिन होम्योपैथी में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

होम्योपैथी की खोज – डॉक्टर हनेमैन एक एलोपैथिक डॉक्टर थे पर वह एलॉपथी चिकिस्था से खुश नहीं थे क्युकी उस समय एलोपैथी में बहुत ही अलग तरीके से इलाज किया जाता था। एक बार वह बहुत सारी बुक्स translation कर रहे थे तो उनमें से एक बुक्स थी “कूलेन मैटेरिया मेडिका” जो कि उन्होंने ट्रांसलेट 1790 में की थी। दोस्तो कुलेन मैटेरिया मेडिका में डॉक्टर कुलेन ने बहुत सारी दवाइयों के बारे में बताया था और यह बताया था कि वह मेडिसिन केसे असर करती है और क्यों असर करती है और केसे असर करती है, तो उसमे से एक मेडिसिन थी पेरुवियन बार्क । डॉक्टर कुलेन ने बताया था कि जो पेरुवियन बार्क जो दवाई है। वो मलेरिया के लिए बहुत ही लाभदायक है और वह इसलिए लाभकारी है क्युकी उसका स्वाद कड़वा है, तो जब डॉक्टर हनेमैन जब उस बुक को ट्रांसलेट कर रहे थे तो उन्होंने समझा की ऐसा नहीं हो सकता कोई मेडिसिन उसकी कड़वाहट से किसी बीमारी को ठीक नहीं कर सकती, तो उन्होंने सोचा इसके कुछ और कारण भी हो सकते है और यही उन्होंने एक फुटनोट में लिख दिया, तो जहा वह ट्रांसलेट कर रहे थे वहां उन्होंने एक फुटनोट अलग से बनाया और नीचे लिख दिया कि पेरुवियन बार्क सिर्फ अपनी कड़वाहट के कारण किसी बीमारी को ठीक नहीं कर सकती। उसके बाद उन्होंने पहले मैटेरिया मेडिका को ट्रांसलेट किया। फिर उन्होंने पेरुवियन बार्क का एक्सपेरिमेंट किया किं वो ऐसा क्या करती है जिससे मलेरिया जैसी बीमारी ठीक हो रही है, तो उन्होंने पेरुवियन बार्क का एक्सपेरिमेंट अपने ऊपर किया। जब उन्होंने पेरुवियन बार्क हर दिन ली तो उन्होंने देखा कि उनके अंदर मलेरिया के लक्षण आने लगे हैं और कुछ दिन बाद पेरुवियन बार्क को लेना बंद भी कर दिया । इस चीज को देखकर उन्होंने एक थियोरी बनाई कि अगर कोई मेडिसिन किसी बीमारी को ठीक करती है तो उस मेडिसिन में क्षमता होती है उस बीमारी के लक्षण को उत्पन्न करने की, मतलब कि अगर कोई मेडिसिन किसी लक्षण को उत्पन्न करने की क्षमता रखती हैं तो, तो वह उस बीमारी को ठीक भी कर सकती है। 

अगर चाइना ऑफाइसिनालिस मलेरिया को ठीक करती है तो अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति में चाइना ऑफाइसिनालिस की 30 पोटेंसी लगातार दी जाए उसमें मलेरिया के लक्षण दिखने लगेंगे और अगर मेडिसिन लेना बंद कर देंगे तो मलेरिया के लक्षण भी दिखाई देना बंद हो जाएंगे हो जाएंगे । दोस्तो अगर आपको किसी बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो और वही समान्य लक्षण किताबों में भी लिखे हैं तो अगर आप वही दवाई ले तो आप उस दवाई से ठीक हो जाएंगे।

दोस्तो यही चीज डॉक्टर हनेमैन ने बताई और आखिरी में उन्होंने यह चीज साबित भी कर दी । फिर उन्होंने 1796 होम्योपैथी की discovery भी कर दी ।

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