Daad Ki Homeopathic Dawa यह एक प्रकार के फफूंद (fungus) द्वारा उत्पन्न होता है। दाद आमतौर पर चवन्नी या रुपए के आकार में त्वचा पर कहीं भी हो सकता है। जिस तरह जगह पर यह होता है। वहां पर थोड़ी बहुत खुजली होती है। बाद में वहां पर छोटी-छोटी फुंसियां निकलती है जिनमें खुजली होती है।

धीरे-धीरे दांत का आकार बढ़ने लगता है यह आकार में गोल छल्ले के आकार का होता है, इसलिए इसे अंग्रेजी में रिंगवॉर्म कहते हैं छल्ले के आकार के इस त्वचारोग में छल्ले के बीच वाले हिस्से में किसी प्रकार की फुंसियां नहीं होती है अलबत्ता छल्ले के किनारे थोड़े उभरे हुए होते हैं और वहां पर खुजली होती है। खुजलाने से इनसे एक प्रकार का रस निकलता है जिसमें इस बीमारी के फफूंद होते हैं इन उभरे किनारों पर पपड़ी जम जाती है दाद एक संक्रामक (infection) बीमारी है।

रोगी के कपड़े इस्तेमाल करने से यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाती है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है सिर में होने पर इससे जले नुमा आकृति के अंदर के बाल गिर जाते हैं और वहां गंजापन आ जाता है, यह बीमारी ज्यादातर नाम और गर्म रहने वाले हिस्से जैसे बगल, जांगे पर, पेर, स्तन के नीचे का हिस्सा इत्यादि जगह में हो जाती है।

अगर आपको भी दाद की समस्या है और नीचे दी गई दवाइयां के अनुसार आप के लक्षण सामान्य है, तो आप भी है यह होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

Daad Ki Homeopathic Dawa – दाद की होम्योपैथिक दवा :

1- बेसिलिनम (bacillinum) 30, 200, 1M – यह दाद की सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा मानी जाती है इस दवा को 30 शक्ति में 1 हफ्ते तक रोज एक बार ले एक हफ्ते बाद 200 शक्ति में हफ्ते में एक बार एक महीने तक ले 1 महीने बाद 6 महीनों तक 1M (1000) शक्ति  महीने में एक बार ले इस प्रकार यह दवा देने से दाद जड़ से खत्म हो जाती है। 

2- टेल्लूरियम (Tellurium) 6, 30 – बदन, सिर, चेहरे, शरीर के नीचे हिस्से में दाद होने पर यह दवा लाभदायक है। इसमें दाद अंगूठी के आकार का होता है और उसके चारों ओर के किनारे कटे कटे रहते हैं उसमें बहुत खुजली होती है रात में बिस्तर में जाने के बाद खुजली बढ़ जाती है इस दवा की प्रतिक्रिया कुछ देर से होती है इसलिए जल्दी बाजी में फायदा ना दिखने पर यह दवा बदलनी नहीं चाहिए। 15 से 20 दिनों तक यह दवा 6 शक्ति में दिन में तीन बार ले बाद में 30 शक्ति मे ले ।

3- सीपिया (sepia) 1M –  इस प्रकार के  दाद में एक दाना त्वचा पर निकलता है, फिर उस में खुजली होती है लेकिन खुजलाने से कोई आराम नहीं मिलता है फिर वह दाना छल्ले की तरह गोल हो जाता है यह दाद कोहनियोंऔर घुटनों के मोड में दाढ़ी पर मुंह के आसपास और नाक पर ज्यादा होता है। हर साल बसंत के मौसम में दाद जैसे दाने निकलते हैं इस प्रकार का दांत एक हो या कई 1000 शक्ति की दवा की हर महीने एक एक  खुराक लें ।

4- सल्फर (sulphur) 6, 30 – दाद इस प्रकार के दांत में बहुत खुजली होती है खो जाते समय अच्छा लगता है लेकिन बाद में जलन होती है गर्मी से रात में बिस्तर में जाने से के बाद खुजली बढ़ जाती है अगर आपको इसी तरह की ही समस्या है तो आप यह होम्योपैथिक दवा ले सकते हैं।

5- ओलिएंडर (Oleander) 6, 30  – सिर और कोनों के पीछे दाद हो जाता है, इसमे छोटी-छोटी फुंसियों हो जाती है और उन में खुजली होने लगती है खुजलाने के बाद थोड़ा आराम मिलता है लेकिन खुजलाने के बाद दर्द होने लगता है और जलन होती है खुजलाने से फुंसियां फुटकर एक हो जाती हैं और उन पर मोटी पपड़ी जम जाती है अगर आपको इस तरह की समस्या है तो आप यह ओलिएंडर होम्योपैथिक दवा 6 या 30 शक्ति में ले सकते हैं ।

6- रस टॉक्स (rhus tox) 3,6 – इस प्रकार के दाद में जहां दाद होता है वहां की चमड़ी मोटी और कड़ी पड़ जाती है और बहुत खुजली चलती है अगर आपको इस प्रकार की दाद है तो आप यह होम्योपैथिक दवा रस टॉक्स 3 या 6 शक्ति में ले सकते हैं । 

7- नैट्रम मूर (natrum mur) 1M-  यह दवा चेहरे पर होने वाले दाद में के लिए बहुत उपयोगी है, इस दवा को आप 15 दिन में 1000 शक्ति की एक-एक मात्रा ले।

8- ग्रेफाइट्स (graphities) 3,6,30 – इस दवा का उपयोग चेहरे और दाढ़ी पर होने वाली दाद मैं बहुत लाभदायक है साथ ही अगर आपको मीठा खाना पसंद हो  और  आपको कब्ज की भी समस्या रहती है तो आप यह होम्योपैथिक दवा दिन में दो बार कुछ दिनों तक ले।

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